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दुबई-सऊदी भूल जाइए! अब रूस में मिल रही है 1.5 लाख की नौकरी, रहना-खाना भी फ्री, ऐसे करें अप्लाई

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Posted On:Monday, December 29, 2025

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे लंबे संघर्ष ने वैश्विक कूटनीति ही नहीं, बल्कि वैश्विक श्रम बाजार (Labour Market) के समीकरण भी बदल दिए हैं। रूस इस वक्त अपने इतिहास के सबसे बड़े 'वर्कफोर्स संकट' से गुजर रहा है। एक तरफ युद्ध के मोर्चे पर युवाओं की तैनाती और दूसरी तरफ तेजी से गिरती जन्मदर ने वहां के कारखानों, खेतों और कंस्ट्रक्शन साइट्स को सूना कर दिया है। इसी खालीपन को भरने के लिए अब रूस की नजरें भारतीय कामगारों पर टिकी हैं, और भारतीयों के लिए यह एक 'गोल्डन अवसर' बनकर उभरा है।

यहाँ रूस में रोजगार के बढ़ते अवसरों और वहां के हालातों का पूरा विश्लेषण दिया गया है:

खाड़ी देशों का विकल्प बना रूस: बढ़ती मांग और बड़ा पैकेज

दशकों तक भारतीय मजदूरों की पहली पसंद सऊदी अरब, दुबई और कतर जैसे खाड़ी देश रहे हैं। लेकिन अब ट्रेंड बदल रहा है। पिछले चार वर्षों में रूस जाने वाले भारतीयों की संख्या में 60 फीसदी का उछाल यह बताता है कि लोग अब कड़ाके की ठंड वाले इस देश को अपनी कमाई का जरिया बना रहे हैं।

कमाई का गणित: 50 हजार से 1.5 लाख तक का अवसर

रूस में वेतन के आंकड़े किसी को भी आकर्षित कर सकते हैं:

  • ब्लू-कॉलर जॉब्स (वेल्डर, इलेक्ट्रिशियन, ड्राइवर): शुरुआती वेतन ₹50,000 से शुरू होकर अनुभव के साथ ₹1.20 लाख तक जाता है।

  • व्हाइट-कॉलर जॉब्स (IT प्रोफेशनल, इंजीनियर): यहां वेतन ₹1.8 लाख प्रति माह से भी अधिक हो सकता है।

  • अतिरिक्त सुविधाएं: अधिकांश रूसी कंपनियां (खासकर तेल और गैस क्षेत्र वाली) रहने, खाने और मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा मुफ्त प्रदान करती हैं, जिससे बचत की गुंजाइश बढ़ जाती है।


रूस में मैनपावर की किल्लत के मुख्य कारण

रूस को अचानक भारतीयों की इतनी जरूरत क्यों पड़ी? इसके पीछे तीन मुख्य कारण हैं:

  1. जनसांख्यिकीय संकट: रूस की आबादी बूढ़ी हो रही है और काम करने वाले युवाओं की भारी कमी है।

  2. युद्ध का प्रभाव: यूक्रेन युद्ध में लाखों रूसी पुरुषों की सक्रिय भागीदारी या उनके देश छोड़ने की वजह से स्थानीय श्रम बल कमजोर हुआ है।

  3. भरोसेमंद पार्टनर: भारत और रूस के बीच पुराने और मजबूत संबंधों के कारण रूसी सरकार और कंपनियां अब मध्य एशियाई देशों के मुकाबले भारतीयों को अधिक प्राथमिकता दे रही हैं।


कैसे पा सकते हैं रूस में नौकरी? (सावधानी और प्रक्रिया)

रूस जाने का सपना देख रहे युवाओं के लिए सबसे जरूरी है सावधानी। युद्ध की स्थिति को देखते हुए फर्जी एजेंटों से बचना अनिवार्य है।

सही प्रक्रिया:

  • लाइसेंस प्राप्त एजेंसियां: केवल सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त भर्ती एजेंसियों के जरिए ही आवेदन करें।

  • इनविटेशन लेटर (Invitation Letter): यह सबसे अहम दस्तावेज है। रूसी आंतरिक मामलों के मंत्रालय (Ministry of Internal Affairs) द्वारा जारी पत्र के बिना वीजा प्रक्रिया शुरू न करें।

  • वीजा और वर्क परमिट: वर्क वीजा के लिए पासपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट (HIV टेस्ट अनिवार्य) और पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (PCC) की आवश्यकता होती है।

  • स्थानीय पंजीकरण: रूस पहुंचने के 7 दिनों के भीतर माइग्रेशन अथॉरिटी में रजिस्टर करना जरूरी है।

चुनौतियां भी कम नहीं

रूस जाना जितना फायदेमंद दिख रहा है, वहां की चुनौतियां भी उतनी ही कठिन हैं। -30°C तक गिरने वाला तापमान और रूसी भाषा (Russian Language) का ज्ञान न होना शुरुआती दिनों में बड़ी बाधा बन सकता है। इसके अलावा, युद्ध के कारण कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर भी सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

निष्कर्ष: यदि आप हुनरमंद हैं और नई चुनौतियों के लिए तैयार हैं, तो रूस आपके करियर को एक नई ऊँचाई दे सकता है। यह न केवल आर्थिक समृद्धि का रास्ता है, बल्कि भारतीय कार्यबल की वैश्विक साख बढ़ाने का भी अवसर है।


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